26 जनवरी को हमारा भारत देश 71वां गणतंत्र दिवस मनाएगा
। हर बार की तरह इस बार भी इस मौके पर धूमधाम से जश्‍न मनाने की तैयारी चल रही हैं। देश की राजधानी दिल्ली समेत हर शहर में स्‍कूलों और सरकारी कार्यालयों में इस अवसर पर भव्‍य आयोजन किए जा रहे हैं। ऐसे आयोजनों में आप भी हिस्‍सा जरुर ले रहे होंगे, तो फिर इस अवसर पर अपना प्रभावी भाषण देकर लोगों का दिल जीत सकते हैं। आज हम आपको गणतंत्र दिवस 2020 के लिए भाषण का एक सुंदर नमूने बताएंगे। जिसे विद्यार्थी या अध्यापक गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्‍य पर अपने स्कूल या अन्य कार्यक्रम के भाषण के लिए मदद ले सकते हैं। आइए जानते हैं कि अगर आपको स्‍कूल में या फिर ऑफिस या किसी अन्‍य जगह गणतंत्र दिवस के आयोजन पर भाषण बोलना है तो उसे कैसे तैयार करेंगे






स्‍कूल के बच्‍चों के लिए भाषण 

आदरणीय प्रिंसिपल सर, 
सभी शिक्षकगण, सहपाठियों और अभिभावकों को मेरा नमस्कार। 
मैं आप सभी का हार्दिक अभिनन्दन करता हूँ। मेरा नाम.....है. मैं कक्षा... में अध्ययन करता हूं। आज हम सभी "गणतंत्र दिवस" मनाने के लिए यहाँ एकत्रित हुए हैं। हमारे देश में यह 26 जनवरी के दिन मनाया जाता है। इस अवसर पर मैं एक भाषण प्रस्तुत कर रहा हूँ। इस वर्ष हम अपना 71 वॉ गणतंत्र दिवस मना रहे हैं। भारत में कानून का राज्य स्थापित करने के लिए भारतीय संविधान सभा ने 1949 में इसे अपनाया था और 26 जनवरी 1950 में इसे लागू करके भारत एक लोकतांत्रिक देश बन गया था। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना 26 जनवरी को हुई थी। इसलिए गणतंत्र दिवस की स्थापना 26 जनवरी के दिन की गई थी। हमारा देश इसके साथ ही विश्व के सबसे बड़े प्रजातंत्र देश बन गया था। 

गणतंत्र का अर्थ है देश में सभी देशवासियों के लिए समान व्यवस्था और कानून स्थापित करना। हमारे देश में सभी धर्मों को, संप्रदायों को समान अधिकार और स्थान दिया गया है। हम सभी के लिए 26 जनवरी एक गौरव पूर्ण दिन है। 15 अगस्त 1947 को हमारा देश अंग्रेजों से आजाद हुआ था। हमारे देश में राष्ट्रपति सर्वोच्च शासक होता है। सभी भारतवासी 26 जनवरी का दिन बहुत ही खुशी और उल्लास से मनाते हैं। इसी दिन लॉर्ड माउंटबेटन को हटाकर 26 जनवरी 1950 को डॉ राजेंद्र प्रसाद को हमारे देश का राष्ट्रपति बनाया गया था। इस दिन दिल्ली में राष्ट्रपति की राजकीय सवारी निकाली जाती है। भारत की तीनों सेना - नौ सेना, थल सेना और वायु सेना की टुकड़ी यहाँ मार्च करती है और लाल किले पहुंचती है। इस दिन सार्वजनिक समारोह में तरह तरह की झांकियां दिखाई जाती हैं जो लोगों का मनोरंजन करती हैं।

26 जनवरी के दिन शाम को नई दिल्ली में आतिशबाजी होती है आसमान में चारो तरफ रंगारंग आतिशबाजी होती है। राष्ट्रपति भवन को दुल्हन की तरह सजाया जाता है। 26 जनवरी के दिन देश के सभी गांव और शहरों में स्कूल कॉलेजों में रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाते हैं। हमारे शिक्षक के इस दिन के महत्व के बारे में बताते हैं। हमारे देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री सभी देशवासियों को एकजुटता और आपसी प्रेमभाव से रहने की सलाह देते हैं। भारत में अनेकता में एकता पाई जाती है। देश में सभी धर्मों के लोग पूजा कर सकते हैं। अपने धर्मो का पालन कर सकते हैं। किसी पर कोई भी पाबंदी नहीं है। सभी को पूरी तरह स्वतंत्रता प्राप्त है। इस दिन स्कूल कॉलेज में मिठाइयां बांटी जाती हैं। बच्चों को 26 जनवरी के महत्व के बारे में बताया जाता है। हमारे शिक्षक इस दिन के बारे में बताते है। 

डॉक्टर भीमराव अंबेडकर, वल्लभ भाई पटेल, डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद, मौलाना अबुल कलाम आजाद और पंडित जवाहरलाल नेहरू को संविधान सभा का सदस्य बनाया गया था। संविधान सभा ने ही हमारे देश का कानून बनाया है। संविधान निर्माण में कुल 22 समितियों ने योगदान दिया है। डॉ अंबेडकर ने 2 वर्ष 11 माह 18 दिन में भारत का संविधान बनाया है। 26 जनवरी के दिन देश की राजधानी नई दिल्ली में भारतीय राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है। सभी लोग बड़े सम्मान के साथ खड़े होकर राष्ट्रगान का सम्मान करते हैं। दिल्ली में बहुत से भव्य कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इंडिया गेट से राष्ट्रपति भवन तक एक भव्य परेड निकाली जाती है। 

रेजिमेंट, नौसेना, वायु सेना के सैनिक इसमें हिस्सा लेते हैं। इसके अलावा राष्ट्रीय कैडेट कोर के बच्चे भी इसमें प्रतिभाग करते हैं। हमारे देश के प्रधानमंत्री इंडिया गेट पर स्थित "अमर जवान ज्योति" पर पुष्प माला डालकर शहीद सैनिकों का सम्मान करते हैं। सभी शहीद सैनिकों की याद में 2 मिनट का मौन रखा जाता है। हमारे देश को स्वतंत्र करने में बहुत से लोगों ने बलिदान दिया है। अनेक देशभक्तों ने अपनी जान न्योछावर कर दी। प्रधानमंत्री सभी का आभार प्रकट करते हैं। दिल्ली में होने वाली परेड में विभिन्न राज्यों की झांकियां लगती है। सभी राज्यों की लोकगीत और कला का प्रदर्शन किया जाता है। 

धन्‍यवाद, भारत माता की जय वंदे मातरम


बच्चों के लिए गणतंत्र दिवस पर भाषण 

वंदे मातरम्, 
आदरणीय प्रधानाचार्य, 
मैडम सर और सभी साथियों को मेरा नमस्कार। 
आज हम सब यहां अपने देश के विशेष राष्‍ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस के लिए उपस्थित हुए हैं। आज भारत अपना 71वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। हमारे देश को अंग्रेजों से आजादी 15 अगस्त 1947 में मिली, जिसे स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारत की संविधान सभा में 24 नवंबर 1947 को भारत का संविधान पारित हुआ। लेकिन 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ, इसलिए हम 26 जनवरी को हर साल भारत के गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं और 24 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाते हैं। गणतंत्र का मतलब देश में रहने वाले लोगों की सर्वोच्च शक्ति है और देश को सही दिशा में ले जाने के लिए एक राजनीतिक नेता के रूप में अपने प्रतिनिधियों का चुनाव करने का अधिकार केवल जनता को है। इसीलिए हमारा देश भारत एक गणतंत्र देश हैं। यहां की जनता अपने नेताओं को प्रधानमंत्री, मुख्‍यमंत्री और मंत्री, आदि के रूप में चुनती है। हमारे महान भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों ने देश को अंग्रेजो से आजादी दिलाने के लिए बहुत संघर्ष किया है। उन्होंने संघर्ष किया है ताकि उनकी आने वाली पीढ़ी बिना संघर्ष के जी सके और देश को आगे बढ़ा सके। 

हमारे महान स्वतंत्रता सेनानियों और भारतीय नेताओं के नाम महात्मा गांधी, भगत सिंह, चंद्र शेखर आज़ाद, लाला लाजपत राय, सरदार वल्लभ भाई पटेल, लाल बहादुर शास्त्री आदि हैं। इन्होने भारत को आजादी दिलाने के लिए ब्रिटिश शासन के खिलाफ लड़ाई लड़ी। देश के लिए उनके बलिदान को कोई कभी नहीं भूल सकता। इन महान अवसरों पर, हम हमेशा उन्हें याद करते हैं और उन्हें सलाम करते हैं। हमें उनकी वजह से यह आज़ादी मिली। अब हम अपने राष्ट्र में स्वतंत्र रूप से रह सकते हैं। भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद थे जिन्होंने कहा था कि यह बहुत दुःख की बात है कि हमें आजादी तो मिल गई लेकिन हम अब अब भी जाति, अपराध, भ्रष्टाचार और हिंसा से लड़ रहे हैं। हमें एक भारत श्रेष्ट भारत की तरफ बढ़ना है। 

आपको बता दें इस अवसर पर हर साल भारत के भारत के राष्ट्रपति राजपथ हमारा राष्ट्र ध्वज तिरंगा फहराते हैं। भारतीय ध्वज फहराने के लिए हर वर्ष किसी दूसरे देश के मुख्य अतिथि को भी आमंत्रित करते हैं।उनके साथ अन्य देश से भी बड़े नेता मंच पर होते हैं। फिर हम सभी अपने राष्ट्रीय ध्वज को सलामी देने के लिए खड़े होते हैं और अपना महान कवि रवींद्रनाथ टैगोर लिखा गया राष्ट्रगान गाते हैं। इस पर देश की रक्षा में शहीद हुए शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित की जाती है। दिल्ली में लाल किले के सामने भारत की संस्कृति और परंपरा को दिखाने के लिए भारत की तीनों सेना परेड में हिस्सा लेती है। यह भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और भारतीय सशस्त्र बलों के प्रमुख कमांडर अमर जवान ज्योति, इंडिया गेट पर बलिदान हुए भारतीय शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित करते हैं। 

धन्यवाद... वंदे मातरम्, भारत माता की जय, जय हिन्द


कालेज और विवि के स्‍टूडेन्‍ट ऐसे तैयार करें भाषण

आदरणीय कुलपति/ प्रधानाचार्य एवं मेरे शिक्षकगण, 
मेरे वरिष्ठ और सहपाठियों को मेरा नमस्कार। 

आज हम यहाँ गणतंत्र दिवस मानाने के लिए एकत्रित हुए हैं। तो अब मैं आप सभी के सामने गणतंत्र दिवस पर भाषण देने जा रहा हूँ और आप सभी को इस दिवस के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें बताने जा रहा हूँ। आज हम सभी यहाँ 71वां गणतंत्र दिवस मानाने के लिए एकत्रित हुए हैं। बहुत संगर्ष के बाद 1947 में ब्रिटिश शासन से हमारे देश को आज़ादी मिली। अंग्रेजों से आज़ादी के बाद भी भारत एक स्व-शासित देश नहीं था। इसके बाद 1950 में हमारा सविंधान लागू हुआ उसके बाद हमारा देश भारत एक स्व-शासित देश बना। 

1947 में भारत को आजादी मिली और पूरे २ साल ६ महीने बाद जब हमारा सविंधान लागू हुआ तोह गणतंत्र दिवस मनाने की शुरुआत 26 जनवरी 1950 से हुई। तब से हम हर वर्ष 26 जनवरी को अपना गणतंत्र दिवस मनाते आ रहें हैं क्योंकि इसी दिन भारत का संविधान अस्तित्व में आया था। भारत एक लोकतांत्रिक देश है और इस देश में रहने वाले हर भारतीय नागरिक के पास सामान अधिकार हैं। हर भारतीय को अपने देश का प्रधानमंत्री, राज्यमंत्री चुनने का हक़ है। 

देश को सही दिशा में नेतृत्व प्रदान करने के लिये हमें अपना प्रधानमंत्री चुनने का ह़क है। देश के पक्ष में हमारे नेताओं को प्रभुत्वशाली प्रकृति का होना चाहिये और देश के नेताओं को देश के बारे में सोचना चाहिए न की अपने भले के लिए। अगर देश की जनता ने आपको बनाया है तोह जनता आपको गिरा भी सकती है अगर आप देश के विकास के बारे में नहीं सोचते हो तोह। हर अधिकारी को नियमों और नियंत्रकों को सही तरीके से अनुसरण करना चाहिए। देश को एक भष्ट्राचार मुक्त देश बनाने के लिये सभी अधिकारियों को भारतीय नियमों का अनुसरण करना चाहिये और देश की सेवा अच्छे से करना चाहिए। हमारे देश के नेताओं को अपने देश के पक्ष में सोचने के लिये पर्याप्त दक्षता होनी चाहिये। देश के सभी राज्यों, गाँवों और शहरों के बारे में उसको एक बराबर सोचना चाहिये जिससे धर्म, गरीब, अमीर, उच्च वर्ग, मध्यम वर्ग, निम्न वर्ग, अशिक्षा आदि के बिना किसी भेदभाव के भारत एक अच्छा विकसित देश बन सके। 

"विविधता में एकता" के साथ केवल एक भष्टाचार मुक्त भारत ही वास्तविक और सच्चा देश होगा। हम अपने स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को व्यर्थ नहीं जाने देंगे और हम सब मिलकर अपने देश को एक अच्छे राह पे लेके चलेंगे। भारतीय नागरिक होने के नाते, हम भी अपने देश के प्रति पूरी तरह से जिम्मेदार हैं। हमें अपने आपको नियमित बनाना चाहिये, नियमों का पालन करना चाहिए और देश में होने वाली घटनाओं के प्रति जागरुक रहना चाहिए। अगर आपके आस पास कुछ भी गलत हो रहा है तोह आप इसका विरोध करें, साफ़ सफाई का ध्यान रखें और देश को एक विकसित देश बनाने में भागीदार बनें। 

जैसा की आप सभी जानते हो 1947 से पहले हमारा देश ब्रिटिश शासन के तहत एक गुलाम देश था जिसे हमारे हजारों स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदानों के द्वारा बहुत वर्षों के संर्घषों के बाद आजादी प्राप्त हुई। इसलिये, हमें सभी बहुमूल्य बलिदानों को व्यर्थ नहीं जाने देना चाहिये और फिर से इसे भ्रष्टाचार, अशिक्षा, असमानता और दूसरे सामाजिक भेदभाव का गुलाम नहीं बनने देना है। आज का दिन सबसे बेहतर दिन है जब हमें अपने देश के वास्तविक अर्थ, स्थिति, प्रतिष्ठा और सबसे जरुरी मानवता की संस्कृति को संरक्षित करने के लिये प्रतिज्ञा करनी चाहिये। हमें इस देश को भ्रष्टाचार मुक्त बनाना है और जितना हो सके अपने देश के लिए कुछ न कुछ सहयोग देना चाहिए। 

धन्यवाद, जय हिन्द, जय भारत


कार्यालय के लिए ऐसे तैयार करें भाषण 

नमस्‍कार, आप सभी को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। 

माननीय वरिष्‍ठ अधि‍कारियों एवं मेरे सहयोगियों आज हम सभी यहां गणतंत्र दिवस को उत्साह के साथ मनाने के लिए एकत्र हुए हैं। आज हम साल 2020 में हमारे देश भारत का 71 वां गणतंत्र दिवस मना रहे हैं। आज के इस महान उपलक्ष पर सबसे पहले मैं अपने महान निडर भारतीय सैनिकों को सलाम करना चाहता हूं जो दिन रात अपने जीवन पर खेलकर भारत की सुरक्षा करते हैं। आज के दिन के महत्व को हर भारतीय को समझना बहुत ही आवश्यक है। इससे हम आने वाली पीढ़ी को भी समझा पाएंगे की गणतंत्र दिवस हमारे जीवन में क्या मूल्य और महत्व है। आज मुझे बहुत खुशी है कि मैं आप सबके समक्ष इस महान उपलक्ष पर अपने कुछ शब्द आप सबके सामने रख पाऊंगा। 

मुझे अपने भारतीय होने पर गर्व है। 26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान लागू हुआ था। उसी दिन भारत को एक गणतंत्र देश के रूप में मान्‍यता मिली थी। गणतंत्र का अर्थ होता है लोगों द्वारा चलाए जाने वाले देश। यानी कि एक ऐसा देश जहां लोगों का निर्णय ही सर्वोपरि होता है। आज भारत में हर कोई नेता लोगों द्वारा ही चुनाव के माध्यम से बनाए जाते हैं। यानी कि एक ऐसा देश जो तानाशाहों से मुक्त है। जैसे की हम सब जानते हैं 15 अगस्त 1947 को हमारा देश स्वतंत्र हुआ था और उसके बाद 26 जनवरी 1950 को डॉ भीमराव अंबेडकर की मदद से भारत को एक मजबूत संविधान प्राप्त हुआ। उसी दिन के बाद से 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में उत्साह के साथ मनाया जाता रहा है। यह दिन मात्र अपने मित्रों, रिश्तेदारों और परिवार के लोगों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं देने का नहीं है बल्कि यह वह दिन है जब हमें गणतंत्र दिवस के महत्व को समझना चाहिए और हर किसी के साथ साझा करना चाहिए। अंत में मेरा आप सभी से यह निवेदन है कि चलो साथ मिलकर ऐसा कुछ कर दिखाने का संकल्‍प लेना चाहिए जिससे हमारा भारत देश दुनिया भर में सवोच्‍च शक्तिशाली देश बन जाएं। 

धन्‍यवाद, भारत माता की जय, जय हिंद



गणतंत्र दिवस के लिए ऐसे तैयार करें भाषण

आप सभी आगन्‍तुकों एवं मित्रों को मेरा नमस्‍कार, 

इस वर्ष हम अपना 71वाँ गणतंत्र दिवस मनाने जा रहे हैं। भारत में कानून व्यवस्था स्थापित करने के लिए भारतीय संविधान सभा ने 1949 में इसे अपनाया था और 26 जनवरी 1950 में इसे लागू किया था। इसके बाद से हमारा देश भारत एक लोकतांत्रिक देश बन गया है। सविंधान पारित होने की खुशी में और अपने सभी क्रांतिकारियों को याद करने के लिए हम ये दिवस हर साल 26 जनवरी को मनाते आ रहे हैं। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना 26 जनवरी को हुई थी। इसलिए गणतंत्र दिवस की स्थापना 26 जनवरी के दिन की गई थी। हमारा देश इसके साथ ही विश्व के सबसे बड़े प्रजातंत्र देश बन गया था और सबसे बड़ा लोकतंत्र वाला देश है।

गणतंत्र का अर्थ है देश में सभी देशवासियों के लिए समान व्यवस्था और कानून स्थापित करना। हमारे देश में सभी धर्मों को, संप्रदायों को समान अधिकार और स्थान दिया गया है। 15 अगस्त 1947 को हमारा देश अंग्रेजों से आजाद हुआ था। और इसके बाद २६ जनवरी को हमारा लोकतंत्र बना था। हमारे देश में राष्ट्रपति सर्वोच्च शासक होता है। डॉक्टर भीमराव अंबेडकर, वल्लभ भाई पटेल, डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद, मौलाना अबुल कलाम आजाद और पंडित जवाहरलाल नेहरू को संविधान सभा का सदस्य बनाया गया था। संविधान सभा ने ही हमारे देश का कानून बनाया है। संविधान निर्माण में कुल 22 समितियों ने योगदान दिया है। डॉ अंबेडकर ने 2 वर्ष 11 माह 18 दिन में भारत का संविधान बनाया था। 

26 जनवरी 1950 को डॉ राजेंद्र प्रसाद को हमारे देश का सर्वप्रथम राष्ट्रपति बनाया गया था। इस दिन दिल्ली में राष्ट्रपति की राजकीय सवारी निकाली जाती है। भारत की तीनों जल सेना, थल सेना और वायु सेना की टुकड़ी यहाँ मार्च करती है और लाल किले पहुंचती है। इस दिन सार्वजनिक समारोह में तरह तरह की झांकियां दिखाई जाती हैं जो लोगों का मनोरंजन करती हैं। 26 जनवरी के दिन शाम को नई दिल्ली में बहुत से कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं। राष्ट्रपति भवन को दुल्हन की तरह सजाया जाता है। इंडिया गेट से राष्ट्रपति भवन तक एक भव्य परेड निकाली जाती है। रेजिमेंट, नौसेना, वायु सेना के सैनिक इसमें हिस्सा लेते हैं। इसके अलावा राष्ट्रीय कैडेट कोर के बच्चे भी इसमें प्रतिभाग करते हैं। हमारे देश के प्रधानमंत्री इंडिया गेट पर स्थित "अमर जवान ज्योति" पर पुष्प माला चढ़ाकर शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि देते हैं। 

सभी शहीद सैनिकों की याद में 2 मिनट का मौन रखा जाता है। हमारे देश को स्वतंत्र करने में बहुत से लोगों ने बलिदान दिया है। अनेक देशभक्तों ने अपनी जान न्योछावर कर दी। प्रधानमंत्री सभी का आभार प्रकट करते हैं। हमें भी उन सभी शहीदो को याद करना चाहिए और उनका ध्न्यावाद करना चाहिए। आज हम हमारे स्वंत्रता सेनानियों की वजह से आज़ादी से हर काम कर सकते हैं। 26 जनवरी के दिन देश की राजधानी नई दिल्ली में और सभी सरकारी स्कूल, ऑफिस में भारतीय राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है। इसके बाद राष्ट्रगान गया जाता है। 

26 जनवरी के दिन देश के सभी स्कूल कॉलेजों में रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाते हैं। सभी छात्र छात्राएं 26 जनवरी के कार्यकर्म में भाग लेते हैं और स्कूल में इस दिवस को धूम धाम से मनाते हैं। शिक्षक इस दिन के महत्व के बारे में सभी को बताते हैं और भाषण देते हैं। हमारे देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री सभी देशवासियों को गणतंत्र दिवस की बधाई देते हैं और एकजुटता, आपसी प्रेमभाव से रहने की सलाह देते हैं। भारत में अनेकता में एकता पाई जाती है। देश में सभी धर्मों के लोग पूजा कर सकते हैं। अपने धर्मो का पालन कर सकते हैं। किसी पर कोई भी पाबंदी नहीं है। सभी को पूरी तरह स्वतंत्रता प्राप्त है। इस दिन स्कूल कॉलेज में मिठाइयां बांटी जाती हैं। इस दिन विदेशों से बहुत से मेहमान और राजनेताओं को आमंत्रित किया जाता है। बहुत देशों के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया जाता है। आशा है आपको मेरा भाषण पसंद आया होगा। अब में इन्ही शब्दों के साथ मैं अपना भाषण समाप्त करता हूँ। 

धन्‍यवाद, जय हिंद


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