पत्ते की काबिलियत Hindi Kahani Sahitya
हिन्दी कहानी साहित्य
किसी गाँव में एक तालाब हुआ करता था। उस तालाब के किनारे कुछ गुलाब के फूल उगे हुए थे। सुबह सुबह गाँव के सभी लोग बूढ़े, बच्चे, महिलाएं, आदमी सभी तालाब किनारे घूमने आया करते थे।
वो गुलाब के फूल हर किसी का मन मोह लेते थे। जिस किसी की भी नजर उन फूलों पर पड़ती वो उनकी सुन्दरता की तारीफ करते नहीं थकता था। उन्हीं फूलों में लगे पत्ते रोज ये सब देखते और उनको लगता कि कभी तो कोई उनकी भी तारीफ करेगा
लेकिन ऐसा कभी नहीं हुआ, लोग आते और गुलाब के फूलों की ही तारीफ करते और पत्तों की तरफ किसी का भी ध्यान नहीं जाता था। अब पत्ते ये सोचने लगे कि भगवांन ने सब कुछ तो इस फूल को दिया है तो फिर इस दुनिया में हमारा क्या काम ? हम इस दुनिया में क्यों आये हैं ? ये सब सोचकर पत्ते मायूस हो जाते कि हमारे जीवन का कोई मोल नहीं है और हमारे अंदर फूल की तरह कुछ विशेष बात भी नहीं है।
समय गुजरता गया, एक दिन गाँव में बड़ी तेज आंधी आयी। थोड़ी ही देर में उस आंधी ने तूफान का रूप ले लिया। तेज हवा से सारे फूल और पत्ते झड़ कर नीचे गिर गए। एक पत्ता झड़कर पानी में गिरा, वो पानी में तैर रहा था कि उसकी नजर एक चींटी पर पड़ी।
वो चींटी तालाब में डूब रही थी और खुद को बचाने का पूरा प्रयास कर रही थी लेकिन वो सफल नहीं हो पा रही थी। पत्ते ने उस चींटी को आवाज दी और कहा कि तुम मेरे ऊपर आ जाओ और मैं तुमको किनारे तक ले जाँऊगा
चींटी पत्ते के ऊपर आगयी। जब तूफान थमा, तब तक पत्ता तालाब के किनारे आ चुका था। चींटी पत्ते से उतरकर जमीन पर आगयी और उसने पत्ते से कहा कि तुम बहुत ही अच्छे हो, तुमने आज मेरी जान बचायी है, मैं सदा के लिए तुम्हारी आभारी रहूंगी और आप सचमुच बहुत महान हैं, आपका बहुत बहुत धन्यवाद।
पत्ता बोला – धन्यवाद तो मुझे आपको कहना चाहिये क्योंकि आज आपकी वजह से मैं अपनी काबिलियत को पहचान पाया। मैं तो खुद को किसी काम का नहीं समझता था लेकिन आज पता चला कि मेरे अंदर भी कुछ काबिलियत हैं। मैं भी कुछ अच्छा कर सकता हूँ।
दोस्तों हम सब की जिंदगी भी कुछ ना कुछ इस पत्ते जैसी ही हो चुकी है। हम यही सोचते हैं कि ये दुनिया, ये शौहरत और ये इज्जत, ये सब तो अम्बानी टाइप लोगों के लिए है। हम कहाँ कुछ कर सकते हैं, हम तो एक नार्मल इंसान हैं, रोज सुबह उठेंगे, ऑफिस जायेंगे, बच्चे पालेंगे बस यही तो लाइफ है हमारी। जब भी किसी इंसान को सफल होता देखते हैं तो अक्सर हम लोग सोचते हैं कि अरे ये लोग टेलेंटेड हैं, हममें वैसा कोई खास टेलेंट है नहीं, अपनी तो बस यही नार्मल लाइफ है।
लेकिन दोस्तों पत्ता फूल की तरह सुन्दर नहीं होता लेकिन उसकी भी अपनी अलग काबिलियत होती है, उसके अंदर भी अपना अलग टेलेंट है और ठीक वैसे ही आप भी हैं। हर इंसान के अंदर एक अलग प्रतिभा होती है लेकिन हम अपनी सही प्रतिभा को नहीं पहचान पाते और कुछ ऐसे कामों में उलझे रहते हैं जिनमें ना तो हमारा इंटरेस्ट होता है और ना ही हमारी काबिलियत।
फिर एक बार अगर असफल हो गए तो बस…..हम मान लेते हैं कि हममें तो कुछ खास है ही नहीं। ये समस्या केवल अनपढ़ लोगों की नहीं है बल्कि अच्छे पढ़े लिखे लोग भी ऐसा सोचते हैं।
दोस्तों जरा दिमाग लगाइये, जब हम सब के चेहरे अलग अलग हैं, हमारी आवाज अलग है, हम सबके काम करने का तरीका अलग है तो हम सबमें टेलेंट भी अलग अलग जरूर होगा बस हम उसे पहचान नहीं पाते और सारी जिंदगी खुद को नाकारा मान कर जी लेते हैं।
दोस्तों इस कहानी के माध्यम से मेरा उद्धेश्य सिर्फ यही है कि आप लोग हताश ना हों, सभी के अंदर कुछ ना कुछ विशेष प्रतिभा है। अपनी प्रतिभा को पहचानिये, आपकी सफलता आपका इन्तजार कर रही है, बस बढ़ते चलिए…….
धन्यवाद! और अंत यहाँ नहीं हैं दोस्तों, आप नीचे लगे कमेंट बॉक्स में जाएँ और अपना कमेंट लिखकर submit का बटन दबा कर अपनी बात हम तक जरूर पहुँचायें। हमें आपके कमैंट्स का इंतजार है।
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